आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एंटी करप्शन कोर्ट (Anti Corruption Court) के स्पेशल जज संदीप गुप्ता ने लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गोपाल को 3 साल की कैद (Imprisonment) की सज़ा सुनाई है. यही नहीं कोर्ट ने दोषी पर 40 लाख रुपये का जुर्माना (Penalty) भी लगाया है. कोर्ट ने गोपाल पर 40 लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि आरोपी को भ्रष्टाचार का दोषी माना गया है और दोषी पर इतना जुर्माना होना चाहिए, जिससे समाज मे यह तस्वीर उभरे की भ्रष्टाचार से कमाई गई रकम पर किसी को माफ़ नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने कहा कि दोषी ने कोर्ट के आंकलन के अनुसार 17 लाख रुपये अधिक ख़र्च किए हैं और अगर केवल 17 लाख का ही जुर्माना किया गया तो दोषी को लाभ पहुंचाना होगा क्योंकि जांच के समय रुपये की कीमत और आज के समय के रुपये की कीमत में ढाई गुने का अंतर है. लिहाजा आय से अधिक कमाए गए 17 लाख रुपये के ढाई गुने यानी 40 लाख का जुर्माना किया जाता है.
2004 में दर्ज हुई थी एफआईआर
इसके पहले सरकारी वकील ने कोर्ट में बताया कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के सिंचाई प्रकोष्ठ के इंस्पेक्टर महिमा राय ने मामले की रिपोर्ट हज़रतगंज कोतवाली में 21 अगस्त 2004 को दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि शासन के अर्धशासकीय पत्र के आधार पर खुली जांच की गई और जांच सिंचाई प्रकोष्ठ के सुपुर्द की गई.
105 फीसदी ज्यादा निकली संपत्ति
जांच में सामने आया कि गोपाल और उनके परिवार के सदस्यों की समस्त ज्ञात और वैध स्रोतों से कुल आय 26 लाख 24 हजार 412 रुपये और 50 पैसे थे. जबकि आरोपी गोपाल ने निवेश, संपत्ति और अन्य मदों में कुल 53 लाख 91 हजार 611 रुपये और 50 पैसे खर्च किए. कहा गया कि इस जांच से पता चला कि आरोपी ने वैध आय से 27 लाख 67 हजार 199 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की, जो 105 फीसदी ज्यादा है.