दुनिया में इसरो को ऊंची उड़ाने देने वाली महिला वैज्ञानिक

इसरो (ISRO) ने दुनिया में अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. पुरुष वैज्ञानिकों के साथ-साथ महिला वैज्ञानिकों ने भी अंतरिक्ष कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका अदा की है. इस महिला दिवस (Women's day 2020) पर जानिए इसरो की नारी शक्ति के बारे में.


इसरो (ISRO) ने दुनिया में अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. पुरुष वैज्ञानिकों के साथ-साथ महिला वैज्ञानिकों ने भी अंतरिक्ष कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका अदा की है. इस महिला दिवस (Womens day 2020) पर जानिए इसरो की नारी शक्ति के बारे में.


साल 1982 में वनिता मुथैया इसरो में शामिल हुईं थीं. आज वो परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. चंद्रयान मिशन 2 में उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की थी. उन्हें डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग में विशेषज्ञता हासिल है.


मिशन मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डॉयरेक्टर रहीं रितु करिधाल ने 1997 में इसरो ज्वाइन किया था. वो मिशन निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.


1984 से एन वालारमति इसरो का हिस्सा हैं. वो परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें रडार इमेजिंग में विशेषज्ञता हासिल है.


टीके अनुराधा जियोसैट प्रोग्राम निदेशक के पद पर इसरो में कार्यरत हैं. उन्हें कम्युनिकेशन सैटेलाइट में विशेषज्ञता हासिल है. उन्हें जीसैट-12 और जीसैट-10 का अनुभव है.ASLV, PSLV, GSLV और RLV जैसे मिशनों का हिस्सा रहीं वी आर ललितांबिका 1989 से इसरो में कार्यरत हैं.